Harbu ji Napa ji Sankhla History हड़बू जी, नापा जी सांखला परमार
हरभूजी सांखला- जांगलू का हरभूजी साँखला बड़े सिद्ध व्यक्ति हुए। वे भूडेल ग्राम के महाराज साँखला के पुत्र थे जो शत्रु के आक्रमण में मारा गए तथा हरभूजी ग्राम छोड़कर फलोदी (जोधपुर के उत्तर पश्चिम) में चाखू के जंगल में तपस्या करने लगे। यहां रामदेव बाबाजी तंवर जो बड़े सिद्ध थे उनसे मिले। तबसे हरभूजी रामदेवजी के गुरु बालनाथ जोगी के शिष्य बन गये। हरभूजी योगी सिद्ध पुरुष थे तथा राजस्थान के पंचवीरों में गिने जाते
जोधपुर के संस्थापक राव जोधा का जब मंडोर पर अधिकार समाप्त हो गया और वह मेवाड़ की सेना से गुरिल्ला युद्ध कर रहे थे तो जंगल में हरभूजी साँखला से भेंट हुई । हरभूजी ने जोधाजी को पुनः राज्य स्थापित होने का आशीर्वाद दिया। प्रसिद्ध है कि हरभूजी ने भविष्यवाणी की थी कि जोधा तुम्हारा राज्य मेवाड़ से जाँगलू तक फैलेगा।
नापा सांखला– वीर व बुद्धिमान नापाजी की महाराणा कुम्भा के यहाँ बड़ी प्रतिष्ठा थी। जोधाजी के पुत्र बीकाजी को वि.स. 1522 में जाँगलू पर अधिकार नापाजी ने ही कराया था इसीलिए बीकाजी भी इनकी बड़ी इज्जत करते थे। नापाजी के वंशज नापा साँखला कहलाए।